Hockey ka Jadugar
Hockey ka Jadugar

हाॅकी का जादूगर

( Hockey ka jadugar )

 

ओलंपिक के खेलों में जिन्होंने किया ऐसा कमाल,
कर दिखाया अद्भुत प्रदर्शन इलाहाबाद का लाल।
प्रयागराज उत्तरप्रदेश में जन्में वो राजपूत परिवार,
एक के बाद एक स्वर्ण पदक दिलाया यह लाल।।

सिर्फ १६ वर्ष की उम्र में जो सेना जोईन कर लिए,
सिपाही पद पर रहकर हाॅकी का खेल शुरू किए।
देखते देखते श्रेष्ठ खिलाड़ी आप हाॅकी के बन गए,
कीर्तिमान एवम लोकप्रियता स्थापित करतें गए।।

इन खेलों से ही स्फूर्ति आती स्वस्थ रहता तन मन,
विश्व पटल पर छाने लगें हर दिन मेजर ध्यानचंद।
रात दिन का पता ना चलता हाॅकी खेलते हर‌ दिन,
खेल देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते इनका भाई-बंध।।

आज जिनके ही नाम से है सर्वोच्च खेल-पुरस्कार,
जिसे कहते है मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार।
जिसमें प्रमाण पत्र २५ लाख रू. पदक शामिल है,
पहचान बनाई आपने वो खेलों में गोल-दागकर।।

आज हाॅकी का जादूगर कहता पूरा विश्व आपको,
चाॅंद कहकर कोई बोलता द मैजिशियन आपको।
उन दिनों में हिटलर-ब्रैडमैन भी कायल थें आपके,
पद्मभूषण सम्मान दिया तब भारत देश आपको।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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