Hindi kavita : मेरी इच्छा
मेरी इच्छा
( Meri ichha : Kavita )
काश हवा में हम भी उड़ते
तितलियों से बातें करते
नील गगन की सैर करते
अपने सपने को सच करते
बादलों को हम छू लेते
चाँद पर पिकनिक मनाते
मनचाही मंजिल हम पाते
पेड़ो पर झट चढ़ कर हम
जंगली जानवरों से बातें करते
पंछियों से हमारी दोस्ती होती
पेड़ों पर हम झूला झूलते
एक आज़ाद पंछी होते
जो हर दम चहकती रहती
जो इस ब्रहमांड की सैर करती
हर अज्ञानता को दूर करती
अपने सोचों को सच करती
लेखिका : अर्चना
Nice article Archana
Thank you sir
बहुत खूब अति सुंदर रचना । उम्मीद है ऐसे ही ओर आपकी रचना सुनने को मिले
जी जरूर