भारत कोकिला लता मंगेशकर इस दुनिया को अवविदा कर हमारे बीच से चली गयीं। भारत ने वह स्वर खो दिया, जिसने हर अवसर पर राष्ट्र की भावना को भावपूर्ण अभिव्यक्ति दी।

अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम की ओर से ऐसी महान शख्सियत के निधन पर गहरी संवेदना प्रकट करते हुए गूगल मीट के माध्यम से श्री देवेंद्र नाथ शुक्ल की अध्यक्षता एवं डॉ. मुन्ना लाल प्रसाद के संचालन में एक ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन आयोजित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।

सबसे पहले मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रो. डॉ. ब्रज नंदन किशोर ने उनकी मधुर गायकी के जादू पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लताजी हिन्दी सिनेमा जगत में विविध छवियों को अपने स्वरों से आवाज देने वाली एवं जीवन संघर्षों के विविध स्तरों को मर्मस्पर्शी स्वर की संरचना प्रदान करने वाली महान गायिका रही हैं।

उनके गीतों में जो गहराई है एवं जिस तरह से मर्मस्पर्शिता है उसके माध्यम से वे हमेशा हमारे बीच विद्यमान रहेंगी। इसके बाद दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. संध्या सिंह, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर, रुसी पत्रकार डॉ. रामेश्वर सिंह, अध्यक्ष एवं संस्थापक, रूसी भारतीय मैत्री संघ, दिशा, मास्को, रूस, प्रो. डॉ. पुष्पिता अवस्थी, अध्यक्ष, हिन्दी यूनिवर्स, निदरलैंड, प्रो. डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी, दक्षिण एशियाई भाषा व संस्कृति विभाग, क्वांगतोंग विदेशी भाषा विश्वविद्यालय चीन, डॉ. श्वेता सिंह, अयोवा, अमेरिका एवं श्री विनोद दूबे, सिंगापुर ने शोक संवेदना प्रकट करते हुए अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। छंदा मंजरी क्षिक्षायतन नृत्य संस्था के कलाकारों द्वारा भी सरस्वती वंदना पर नृत्य कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी।

कार्यक्रम में शामिल श्री जय प्रकाश अग्रवाल, नेपाल, सुश्री मनीषा खटाटे, नासिक, महाराष्ट्र, श्री ईश्वर करुण, चेन्नई, श्री देवी प्रसाद पांडेय, प्रयागराज, डॉ. भीखी प्रसाद ‘वीरेन्द्र’, डॉ. ओमप्रकाश पांडेय, सिलीगुड़ी, तनुजा चौहान, नवी मुंबई, श्री शारदा प्रसाद दुबे ‘शरदचंद्र’ थाने, मुंबई, वरिष्ठ साहित्य कारा आदरणीय प्रोफेसर डॉ. अलका अरोड़ा जी देहरादून,
डॉ. कमलेश शुक्ला कीर्ति, कानपुर, कर्नल डॉ. विपिन किशोर प्रसाद, कोलकाता, डॉ. मनोज मिश्रा, हावड़ा, आनंद उर्वशी, दिल्ली, पूजा अग्रवाल, मुजफ्फरनगर, श्री मनोज वर्मा, अर्चना आर्याणी, सीवान,श्री सत्येन्द्र कुमार सिंह, श्रीमती पुतुल मिश्र, गुंजन गुप्ता, सुश्री ज्योति भट्ट, सिलीगुड़ी ने भी अपनी काव्यांजलि के माध्यम से स्वर कोकिला के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की।

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