Saman nagrik sanhita par kavita
Saman nagrik sanhita par kavita

समान नागरिक संहिता!

( Saman nagrik sanhita ) 

 

देर -सबेर सरकार यूनिफार्म सिविल कोड लानेवाली है,

क़ानून की नजर में हमें समान सूत्र में बाँधनेवाली है।

शादी,तलाक,एडॉप्शन,विरासत के लिए होगा समान क़ानून,

जमीन -जायदाद के बँटवारे में वही राह दिखानेवाली है।

 

अलग -अलग क़ानून से देखो न्यायपालिका पर है बोझ पड़ता,

इस नये क़ानून से हरेक का वो बोझ उतारनेवाली है।

राष्ट्रीय एकता-अखंडता,भाईचारा को मिलेगी मजबूती,

समूचे देशवासियों को एक धारा में लेकर चलने वाली है।

 

सूडान,अमेरिका,पाकिस्तान,मलेशिया,इंडोनेशिया, इजिप्ट,तुर्की,

ऐसे पंथ निरपेक्ष देशों की हवा अपने देश को लगनेवाली है।

सबसे ज्यादा फायदा होगा यहाँ की हर वर्ग की महिलाओं का,

उन्हें बहुलवादी संस्कृति में और आजादी मिलनेवाली है।

 

वोट बैंक की राजनीति भी हो जाएगी बीते जमाने की बात।

लगता है सरकार अभी इसपे रायसुमारी करानेवाली है।

आजादी के पहले और बाद में भी नहीं बन पाई ये बात,

क्या आपको लगता है कि इस बार नया गुल खिलानेवाली है?

 

रामकेश एम यादव (कवि, साहित्यकार)
( मुंबई )
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