Samay Kavita in Hindi
Samay Kavita in Hindi

समय 

( Samay ) 

 

हर पल हर क्षण

चले निरंतर,

अतीत भविष्य

में ना अंतर।

 

ना विकास है

उत्पत्ति नाश,

मिटती है ना

कभी इतिहास।

 

युग भी आए

चले गए भी,

बदला गति ना

रत्ती भर भी।

 

यह तो बस है

अनुभव अपना,

कहते वैसे

जैसी घटना।

 

अच्छी बुरी न

समय कभी भी,

सदा रही है

समय एक ही।

 

घड़ी रुके पर

समय रुके ना,

सभी थके पर

समय थके ना।

 

कोई आए

कोई जाए,

समय सदा ही

चलता जाए।

 

खेल समय का

किसने समझा?

हर कोई है

उलझा उलझा।

 

समय शक्ति है

सबसे बढ़कर,

कौन जिया है

इससे हटकर।

 

इसको जानो

इसको मानो,

खो ना जाए

मन में ठानो।

 

समय कीमती

जीवन में है

मूल्यवान यह

हर पल क्षण है।

रचनाकार रामबृक्ष बहादुरपुरी

( अम्बेडकरनगर )

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