सम्राट पृथ्वीराज चौहान | Samrat prithviraj chauhan par kavita
सम्राट पृथ्वीराज चौहान
( Samrat prithviraj chauhan )
नाम आपका अमर रहेगा सम्राट पृथ्वीराज चौहान,
ऐसा रचाया इतिहास कि याद करता रहेगा जहान।
माफ़ किया आपने मोहम्मद-गौरी को सोलवी बार,
ढेरों युद्ध जीतकर रणभूमि से बनें हो आप महान।।
बचपनें में तीर-कमान युद्ध-कला में निपुण हो गये,
और १५ वर्ष की आयु में राज़ काज सम्भाल लिये।
पिता का नाम राजा सोमेश्वर एवं माता कर्पूरी देवी,
देश की एकता अखंडता के लिए बलिदान दे दिये।।
करतें वंदन आपकों दिल्ली के अन्तिम हिंदू सम्राट,
सबसे ऊंचा नाम रहेंगा आपका अजमेर के सम्राट।
५०० हाथी तीन-लाख सैनिक थें अनेंको घुड़सवार,
मान मर्दन एवं हिंदू कुलभूषण के चक्रवर्ती सम्राट।।
राय पिथौरा के नाम से भी जाना जाता है आपको,
शब्दभेदी तीर चलानें में संसार जानता है आपको।
महान राजकवि व परममित्र थे चंद्रबरदाई आपके,
चौहान वंश व हिंदू धर्म में सब पहचानते आपको।।
बाल्यावस्था से ही वैभवपूर्ण वातावरण में पले बड़े,
६ भाषा में सरस्वती कण्ठाभरण विद्यापीठ में पढ़ें।
युद्धकला और शस्त्र विद्या गुरु श्रीराम जी से लिये,
विवाह और बहादुरी के किस्से आपके है भरें-पड़ें।।