सपने

सपने | Sapne

सपने

सपने नितांत जरूरी हैं
जैसे हवा और पानी
सपने बंजर भूमि में खिले फ़ूल हैं
जो ख़ुशबू की तरह
आपका जीवन महकाते हैं
आपके नीरस और बेमक़सद जीवन को उद्देश्य देते हैं

सपने देखे जाते हैं
कभी सोते हुए
कभी जागते हुए
सपनों को यूहीं न जाने दो
आज नहीं तो कल पूरे होंगे
सपनों को यूहीं न जाने दो
क्योंकि यदि सपने मर गए
तो जीवन बेरंग हो जाएगा
बिन पंख का पक्षी
न उड़ पायेगा
न जी पायेगा
सपने उम्मीद है जीने की
सपनों को यूहीं न जाने दो
गर सपने मर गए
तो आपका जीवन
एक बंजर जमीन हो जाएगा
जहाँ केवल नाउम्मीदी की बर्फ़ जमी होगी

दीपक वोहरा

(जनवादी लेखक संघ हरियाणा)

यह भी पढ़ें:-

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *