
ये धूप सी जिंदगी
( Ye dhoop si zindagi )
तपन सी भरी है ये धूप सी जिंदगी।
लगन से हरी है ये रूप सी जिंदगी।
वक्त के थपेड़े खा कलियों सी मुस्काती।
आनंद के पल जीये मोतियों सी जिंदगी।
खुशियों से भरी है यह धूप सी जिंदगी।
कभी खुशी कभी गम अनुपम जिंदगी।
मुश्किलें अपार आई बाधाएं हजार है।
लहराती बलखाती धारा सी जिंदगी।
हिम्मत हौसलों से मेहनत रंग लाती।
परचम लहराती ये धूप सी जिंदगी।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )