सौगात सावन में

सौगात सावन में | Saugaat Sawan Mein

सौगात सावन में

( Saugaat Sawan Mein )

तुम्हारी चाहतें हमको मिली सौगात सावन में ।
जताकर प्यार को अब हम करें शुरुआत सावन में ।१

बढ़ाना है नहीं तुझसे मुझे अब राबता कोई
सतायेगा मुझे फिर से तू हर इक रात सावन में ।। २

झुकाकर क्यों नयन बैठे हमें अब लूटने वाले।
सुना बेताब था ये दिल करो कुछ बात सावन में ।।३

अगर लौटे नहीं मेरे सनम परदेश से घर को
रुलायेंगे मुझे अक्सर यही सदमात सावन में ।।४

तुम्हें कैसे लिखूँ ख़त में मुझे मिलते नहीं अल्फ़ाज़
मचल उठते तुम्हारे बिन यहां जज़्बात सावन में ।।५

बताओ किस तरह से हम करे इजहार चाहत का ।
नहीं मिलने हमें देती है यह बरसात सावन में ।। ६

करें किससे प्रखर शिकवा इनायत जो नहीं रब की
इधर को छोड़ कर सब में बँटी खैरात सावन में ।। ७

महेन्द्र सिंह प्रखर 

( बाराबंकी )

यह भी पढ़ें:-

मेरे गुरुवर | Mere Guruvar

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *