Savitri Bai Phule Jayanti
Savitri Bai Phule Jayanti

सावित्री बाई फुले जयंती

( Savitri Bai Phule Jayanti )

( 2 )

शिक्षा की ज्योति अनुपम क्रांतिकारी चिंगारी थी।
संघर्षों में पली सावित्री विदुषी भारत की नारी थी।

देश की पहली महिला टीचर संघर्षों की कहानी है।
काव्य जगत सरनाम कवयित्री जानी पहचानी है।

नारी होकर नारी शिक्षा की ऐसी अलख जगाई थी।
दलित परिवार में जन्मी पढ़ लिखके आगे आई थी।

विधवा बेसहारा सहारा समाज सुधारक भारी थी।
छुआछूत की प्रबल विरोधी हिम्मत वो नहीं हारी थी‌

एक किसान की बेटी ने जग में नाम रोशन कर डाला।
शिक्षा स्वर्ग का द्वार खोलती कौशल से हल निकाला।

स्वाभिमान से जीवो रे उन्मुक्त उड़ान भरो गगन में।
खुशियों के फूल खिलाओ आंगन महकते चमन में।

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )


( 1 )

नारी शिक्षा की थाती,सावित्री बाई फुले जीवन

तीन जनवरी अद्भुत अनुपम,
राष्ट्र प्रथम महिला शिक्षक जन्म दिवस ।
अठारह सौ इक्कतीस वर्ष अंतर,
लक्ष्मी बाई खंदोजी गृह भाव पियस ।
उत्कर्ष अभिव्यंजना नारी शिक्षा ,
परोपकार सेवा आह्लाद चितवन ।
नारी शिक्षा की थाती,सावित्री बाई फुले जीवन ।।

पटाक्षेप कुरीति अंधविश्वास,
ऊर्जस्वित कदम प्रतिकार ।
सहन समाज व्यंग्य बाण,
अनुपमा जागृति पथ आकार ।
शंखनाद समता मूलक सोच,
प्रतिरोध नारी दलित अन्याय दमन।
नारी शिक्षा की थाती,सावित्री बाई फुले जीवन ।।

सह पथिक महात्मा ज्योति बा,
सत्य शोधक समाज स्थापना ।
उत्थान रणभेरी नारी शक्ति,
शिक्षा अखंड जप तप साधना ।
समाधान राह कंटक बाधा,
बुलंद स्वर सह हौसली जतन ।
नारी शिक्षा की थाती, सावित्री बाई फुले जीवन ।।

अज्ञानता मूल अवसान ,
जीवन एक मात्र परम ध्येय ।
शिक्षा अहम सेतु परिवर्तन,
उरस्थ प्रज्ज्वलन ज्योत अजेय।
प्रेरणा पुंज क्रांतिकारी बिगुल,
परिणाम वर्तमान नारी शक्ति वंदन।
नारी शिक्षा की थाती,सावित्री बाई फुले जीवन ।।

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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