Nazm in Hindi
Nazm in Hindi

घात लगाकर बैठे हैं

( Ghaat lagakar baithe hain )

 

कुछ अपने ही ऐसे हैं
प्यार बहुत दिखलाते हैं
दिल में धोखा रखते हैं
वे सब होते अपने हैं
गम जितने भी देते हैं

बात कभी करते हैं जब
करते दिल की बातें कब
पैसे पर मरते हैं सब
ऐसो को क्या कहते तब
वे सब होते झूठे हैं
गम जितने भी देते हैं

बातें दिल की जाने क्या
वो अपनों को माने क्या
हमको वो पहचाने क्या
दे देते हैं ताने क्या
वो सब गैरों जैसे हैं
गम जितने भी देते हैं

 

शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )

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