आज सावन में | Sawan Shayari
आज सावन में
( Aaj sawan mein )
परिंदों की बड़ी हलचल मची है आज आंगन में।
सुना है घोंसला बिखरा किसी का आज सावन में।।
बनाकर कश्तियां काग़ज कि ख़ुश होता है बारिश में
ये मन होता बडा़ नादान सा सबका लड़कपन में।
कभी रिश्ता बड़ा गहरा हुआ करता था अपना भी।
भुला बैठे मगर ये बात वो रोटी की उलझन में।
क़यामत के किसी लम्हे में पूछेगा ख़ुदा उनसे।
कई दिल क़त्ल करने का लगा है दाग दामन में।
है जादू कुछ तो उनकी शख़्सियत में जीत लेने का।
मगर ये देर से जाना हैं वो माहिर हैं इसी फन में।
सीमा पाण्डेय ‘नयन’
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )