शैतान | Shaitan
क्या सच में, होते हैं शैतान ?
क्या सच में,
होते हैं शैतान ?
या ये है केवल,
हमारा अनुमान ।
हां वाकई,
होते हैं शैतान ।
जब हम करते हैं,
कोई बुरा काम ।
या फ़िर करते हैं,
बड़ों का अपमान ।
तब हमारे भीतर ही,
प्रविष्ट हो जाते हैं ;
ये दुष्ट शैतान ।
जब हम, भूल जाते हैं ,
सही ग़लत की पहचान ।
तभी हमें उकसाते हैं ,
ये हमारे भीतर के शैतान ।
जब भी हमें होता है,
अपनी सफलता का अभिमान ।
ये ही भर देते हैं,
हमारे अंतस में गुमान ।
जब कभी, हम परिवार में ।
लेते दिमाग से काम ।
बस उसी क्षण ,
दिखाई देते ;
हमें हमारे अंदर के शैतान !
हां हमारे भीतर ही,
निवास करते ये शैतान !
श्रीमती प्रगति दत्त
अलीगढ़ उत्तर प्रदेश
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