शतरंज | Shatranj par Kavita
शतरंज
( Shatranj )
भारत देश के पुरानें खेलों में से एक यह शतरंज,
जिसकी उत्पत्ति यही हुई जिसे कहते थें चतुरंग।
लेख व आलेख मिलेंगे जिसके भारतीय ग्रंथों में,
आगे चलकर ये चतुरंग खेल कहलाया शतरंज।।
पहले जिसको खेला करते थें वो राजा महाराजा,
जिसमें भरपूर-बुद्धि का यह प्रयोग किया जाता।
उब चुके थे पांसो वाले प्राचीनतम सभी खेलों से,
बुद्धि बल का पता चले इसलिए ये खेला जाता।।
कहते है सर्वप्रथम रावण इसे मंदोदरी संग खेला,
जो मनोरंजन-बुद्धि और बेहद रोचक खेल बना।
जिसका आज राष्ट्रीय खेलों की श्रेणी में स्थान है
जो बिन मैदान के बुद्धि संग कला को समझना।।
आज स्कूलों के स्पोर्ट्स में भी जोड़ा गया इसको,
ओलंपिक में नही जोड़ा पर पसंद आया सबको।
कर रहा है सराहना व तारीफ इसका संपूर्ण विश्व,
चौकोर तख्ते के खाने बनाकर खेलते है इसको।।
इस खेल को एक बार मे दो व्यक्ति खेल सकतें है,
जिस पे काले सफेद रंग के ६४ खाने बनें होते हैं।
हाथी घोड़े राजा ऊंट सब मोहरें इसमें कहलाते है,
बुद्धिजीवी एवं बड़े लोग जिसे शौक से खेलते है।।
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