सुनो
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अनुसरण ( Anusaran ) यह जरूरी नहीं कि आप हर किसी के साथ हर काम में साथ-साथ रहे किंतु यह जरूरी है कि मानसिक और भावनाओं में सदैव अपनों के साथ रहें आर्थिक और व्यक्तिगत संबंध से अधिक व्यावहारिक सहयोग जरूरी है व्यस्तता और परेशानी सभी से जुड़ी है फिर भी उम्मीदें अपनों से…

बिन सहारे ( Bin Sahare ) वक्त को भूलकर जो बढ़ जाते हैं आगे वक्त उनका पीछा छोड़ता नही कभी वक्त के साथ चलना जरूरी तो है,मगर वक्त से बेवफाई भी चलती नही कभी यह न समझिए की वक्त आपका ही है आप मालिक नही हैं वक्त के वक्त भी चलता है औरों की…

रिश्तों की डोर ( Rishton ki Dor ) घरौंदे टूटकर फिर बनते हैं बदलते हैं महल खंडहर और खंडहर महल में सतत चलती ही रहती है यह प्रक्रिया हार के बाद कभी जीत न मिली हो ऐसा नहीं होता किसी के साथ कोशिश तो करिये और एक बार शायद सफलता इसी मे हो होती नहीं…

पंचतत्व में मिल जाना है ( Panchtatva mein mil jana hai ) पंचतत्वों से बना यह हमारा शरीर, दानव- मानव चाहें गरीब- अमीर। इनसे बना सृष्टि का प्रत्येक पदार्थ, आकाश वायु अग्नि पृथ्वी व नीर।। सृष्टि के माने गए यह पंचमहाभूत, साफ़ स्वच्छ रखना सबको जरुर। बंद मुट्ठी आए खुल्ली मुट्ठी जाएंगे, एक…

°°° वो बचपन के दिन °°° ( Wo bachpan ke din ) कहाँ गए बचपन के, सुनहरे प्यारे “वो” दिन || 1. कुछ पल ही सही,पर हम भी कभी,साहूकारों मे आते थे | जब -तब हमनें बाजी मारी,तब नगर सेठ कहलाते थे | कुछ पल के लिए ,कुछ क्षण के लिए,दरबार हमारा लगता था…

जोत जले मां ( Jyot Jale Maa ) सजा दरबार निराला जोत जले मां अंबे ज्वाला। सबके दुखड़े हरने वाली कर सोहे मां चक्र भाला। कालरात्रि तू महागौरी तू कुष्मांडा चामुंडा माता। ढाल खड्ग खप्पर वाली तू ही मां भाग्यविधाता। तू ही काली तू महाकाली रणचंडी दुर्गा मतवाली। दानव दलनी मां जगदंबे यश वैभव…