सुनो
सुनो
तुलसी विवाह ( Tulsi vivah ) भजन कर भाव भक्ति से, शालिगराम आए हैं। सजा लो सारे मंडप को, प्रभु अभिराम आए हैं। सजी तुलसी होकर तैयार, तुझे वृंदावन जाना है। वृंदा कर सोलह श्रृंगार, द्वारिका नाथ रिझाना है। ठाकुर जी हो रथ पे असवार, बाराती झूमते गाते। बजे शहनाई तुलसी द्वार, चेहरे सबके…
भाग्य ( Bhagya ) एक डाली टूट कर, गिर के जँमी पे आ गयी। अपनों से कटते ही, दुनिया की नजर में आ गयी। बचना है उसको, बचाना है यहाँ अस्तित्व को, द्वंद में ऐसी पडी, घनघोर विपदा आ गयी। किसको अपना मानती, सन्देह किस पर वो करे। इससे थी अन्जान अब,…
ठहराव ( Thaharaav ) मुझे तो चलना ही होगा आप चले या ना चलें आपके खातिर मैं रुक नहीं सकता हालांकि आपको छोड़ना भी नहीं चाहता सफर दूर का है फासला बहुत है भरोसा नहीं कल के फजर का मगरिब से पहले पहुंचना है मुकाम तक चलना है मुझे इसी जिद्दी से भरम पालकर…
मतदान का महाकाज ( Matdan ka mahakaj ) अंतःकरण स्वर से, मतदान का महाकाज हो शासनिक व्यवस्था लोकतंत्र, सदा शीर्ष नैतिक स्थान । अहम मतदाता सहभागिता, मौलिक अधिकार अनूप आह्वान। निष्पक्ष राष्ट्र प्रगति भाव सेतु, हर मत अंतर्निहित दिव्य राज हो । अंतः करण स्वर से, मतदान का महाकाज हो ।। जाति धर्म पंथ…
मत बन तू अज्ञान ( Mat Ban tu Agyaan ) बिन फेरे अजनबियों से तुम करते हो यह सवाल, मत भूलो गरिमा-व्यवहार करों थोड़ा सा ख़्याल। आधी उम्र अब निकल चुकी है स्वयं को सम्भाल, अच्छा नहीं इतना गुरूर बार-बार न कर बवाल।। शिक्षित होकर संस्कार विहिन मत बन तू अज्ञान, अनमोल धन होती…
नवनिर्माण ( Navanirman ) बीती बातें भूले हम सब, आओ नवनिर्माण करें। नवल रचें इतिहास पुनः अब , जन-जन का कल्याण करें।। रहे मीत सच्चाई के हम , झूठों से मुख मोड़ चलें। निश्छलता हो प्रेम सुधा रस , भेद-भाव को छोड़ चलें।। सबक सिखा कर जयचंदो को, हर दुख का परित्राण करें। बने तिरंगे…
तुलसी विवाह ( Tulsi vivah ) भजन कर भाव भक्ति से, शालिगराम आए हैं। सजा लो सारे मंडप को, प्रभु अभिराम आए हैं। सजी तुलसी होकर तैयार, तुझे वृंदावन जाना है। वृंदा कर सोलह श्रृंगार, द्वारिका नाथ रिझाना है। ठाकुर जी हो रथ पे असवार, बाराती झूमते गाते। बजे शहनाई तुलसी द्वार, चेहरे सबके…
भाग्य ( Bhagya ) एक डाली टूट कर, गिर के जँमी पे आ गयी। अपनों से कटते ही, दुनिया की नजर में आ गयी। बचना है उसको, बचाना है यहाँ अस्तित्व को, द्वंद में ऐसी पडी, घनघोर विपदा आ गयी। किसको अपना मानती, सन्देह किस पर वो करे। इससे थी अन्जान अब,…
ठहराव ( Thaharaav ) मुझे तो चलना ही होगा आप चले या ना चलें आपके खातिर मैं रुक नहीं सकता हालांकि आपको छोड़ना भी नहीं चाहता सफर दूर का है फासला बहुत है भरोसा नहीं कल के फजर का मगरिब से पहले पहुंचना है मुकाम तक चलना है मुझे इसी जिद्दी से भरम पालकर…
मतदान का महाकाज ( Matdan ka mahakaj ) अंतःकरण स्वर से, मतदान का महाकाज हो शासनिक व्यवस्था लोकतंत्र, सदा शीर्ष नैतिक स्थान । अहम मतदाता सहभागिता, मौलिक अधिकार अनूप आह्वान। निष्पक्ष राष्ट्र प्रगति भाव सेतु, हर मत अंतर्निहित दिव्य राज हो । अंतः करण स्वर से, मतदान का महाकाज हो ।। जाति धर्म पंथ…
मत बन तू अज्ञान ( Mat Ban tu Agyaan ) बिन फेरे अजनबियों से तुम करते हो यह सवाल, मत भूलो गरिमा-व्यवहार करों थोड़ा सा ख़्याल। आधी उम्र अब निकल चुकी है स्वयं को सम्भाल, अच्छा नहीं इतना गुरूर बार-बार न कर बवाल।। शिक्षित होकर संस्कार विहिन मत बन तू अज्ञान, अनमोल धन होती…
नवनिर्माण ( Navanirman ) बीती बातें भूले हम सब, आओ नवनिर्माण करें। नवल रचें इतिहास पुनः अब , जन-जन का कल्याण करें।। रहे मीत सच्चाई के हम , झूठों से मुख मोड़ चलें। निश्छलता हो प्रेम सुधा रस , भेद-भाव को छोड़ चलें।। सबक सिखा कर जयचंदो को, हर दुख का परित्राण करें। बने तिरंगे…
तुलसी विवाह ( Tulsi vivah ) भजन कर भाव भक्ति से, शालिगराम आए हैं। सजा लो सारे मंडप को, प्रभु अभिराम आए हैं। सजी तुलसी होकर तैयार, तुझे वृंदावन जाना है। वृंदा कर सोलह श्रृंगार, द्वारिका नाथ रिझाना है। ठाकुर जी हो रथ पे असवार, बाराती झूमते गाते। बजे शहनाई तुलसी द्वार, चेहरे सबके…
भाग्य ( Bhagya ) एक डाली टूट कर, गिर के जँमी पे आ गयी। अपनों से कटते ही, दुनिया की नजर में आ गयी। बचना है उसको, बचाना है यहाँ अस्तित्व को, द्वंद में ऐसी पडी, घनघोर विपदा आ गयी। किसको अपना मानती, सन्देह किस पर वो करे। इससे थी अन्जान अब,…
ठहराव ( Thaharaav ) मुझे तो चलना ही होगा आप चले या ना चलें आपके खातिर मैं रुक नहीं सकता हालांकि आपको छोड़ना भी नहीं चाहता सफर दूर का है फासला बहुत है भरोसा नहीं कल के फजर का मगरिब से पहले पहुंचना है मुकाम तक चलना है मुझे इसी जिद्दी से भरम पालकर…
मतदान का महाकाज ( Matdan ka mahakaj ) अंतःकरण स्वर से, मतदान का महाकाज हो शासनिक व्यवस्था लोकतंत्र, सदा शीर्ष नैतिक स्थान । अहम मतदाता सहभागिता, मौलिक अधिकार अनूप आह्वान। निष्पक्ष राष्ट्र प्रगति भाव सेतु, हर मत अंतर्निहित दिव्य राज हो । अंतः करण स्वर से, मतदान का महाकाज हो ।। जाति धर्म पंथ…
मत बन तू अज्ञान ( Mat Ban tu Agyaan ) बिन फेरे अजनबियों से तुम करते हो यह सवाल, मत भूलो गरिमा-व्यवहार करों थोड़ा सा ख़्याल। आधी उम्र अब निकल चुकी है स्वयं को सम्भाल, अच्छा नहीं इतना गुरूर बार-बार न कर बवाल।। शिक्षित होकर संस्कार विहिन मत बन तू अज्ञान, अनमोल धन होती…
नवनिर्माण ( Navanirman ) बीती बातें भूले हम सब, आओ नवनिर्माण करें। नवल रचें इतिहास पुनः अब , जन-जन का कल्याण करें।। रहे मीत सच्चाई के हम , झूठों से मुख मोड़ चलें। निश्छलता हो प्रेम सुधा रस , भेद-भाव को छोड़ चलें।। सबक सिखा कर जयचंदो को, हर दुख का परित्राण करें। बने तिरंगे…