Suno
Suno

सुनो/देखो

( Suno/ Dekho) 

 

तुम्हारी याद नहीं !
लगता है ,खंजर आ रही है
और मुझे कत्ल कर रहो है
कत्ल कर मुझे जिन्दा और
व्याकुल लाश बना रही है
ये हमारे बीच की दूरी
मेरे मौत की वजह बन रही है
वो व्याकुलता और वो तड़प,
बताओ तुम्हे ये कैसे दिखाएं
करीब आओ तो जरा
भींच कर तुम्हे गले लगा लेंगे
गर बीच मैं जमाना आये तो
जमाने का भी परवाह नहीं करेंगे
बस अब करीब आ जाओ
जिंदा लाश होने से बचा लो।

 

रचनाकार – रूपक कुमार

भागलपुर ( बिहार )

यह भी पढ़ें :-

अश्क नहीं खून | Ashk nahi Khoon

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here