उल्फ़त में चोट मिली ऐसी टूटे है
उल्फ़त में चोट मिली ऐसी टूटे है उल्फ़त में चोट मिली ऐसी टूटे है! यादों में उसकी अब ग़ज़लें सुनते है इक भी आया न मुझे दोस्त जवाब मुझे रोज़ उसे लिक्खे उल्फ़त के ख़त मैंनें है इक भी अल्फ़ाज़ न उल्फ़त का था बोला बोले उसने तो शब्द सभी कड़वे…