एक तरफा प्यार है

एक तरफा प्यार है

 एक तरफा प्यार है     जिसके दिल में एक तरफा प्यार है अश्क आंखों में ही उसकी यार है   जख़्म इतनें है मिले रूह तक कर गया वो जिंदगी को आजार है   ख़्वाब टूटे है आंखों से ऐसे कल नींद से आंखें मेरी  बेदार है   प्यार की बातें न थी लब…

सुनो

सुनो

सुनो   तुम्हें हर बार #सोचना और- सोचते रहना #बदन में एक #सिहरन सी उठती है तुम्हें याद करके एक तो #शीत और- दूसरा तुम्हें #महसूस करना अक्सर #दर्द जगा जाता है…. #तन्हाइयां भी असमय घेर लेती है आकर उठते दर्द को ओर बढ़ा जाती है टूटता #बदन #बेहिसाब #बेसबब #अहसास करा जाता है बस……..

हर घड़ी ग़म तेरे उठाने है

हर घड़ी ग़म तेरे उठाने है

हर घड़ी ग़म तेरे उठाने है     हर घड़ी ग़म तेरे उठाने है अश्क आंखों से अब गिराने है   तोड़ी सारी रस्में उसी ने थी वादे फ़िर भी हमें निभाने है   आपकी याद में सनम अब तो दिल को ताउम्र ग़म उठाने है   इक दिन सबको झूठी मुहब्बत के गुजरे वो…

शरद का चाँद

शरद का चाँद

शरद का चाँद ***** शरद का चाँद लिए दिखा आज अंबर, चांदनी में नहाया जग दिख रहा अतिसुंदर। जगमगा रहा जग सारा रौशनी में नहाकर, कभी छत तो कभी आंगन से- निहार रहा हूं नीलांबर। पछुए की छुअन से सिहरन सी हो रही है, देख चांदनी , चकोरी विभोर हो रही है। उमड़ रहा नयनों…

हाथ में वरना मेरे ख़ंजर नहीं

हाथ में वरना मेरे ख़ंजर नहीं

हाथ में वरना मेरे ख़ंजर नहीं     हाथ में वरना मेरे ख़ंजर नहीं! दुश्मनों के छोड़ता मैं सर नहीं   कट रही है जिंदगी फुटफाट पे मासूमों पे सोने को बिस्तर नहीं   लौट आया शहर से मैं गांव फ़िर ढूंढ़ता से भी मिला वो घर नहीं   सिर्फ़ आता मंजर नफ़रत का नजर…

हाँ वो कितनी कली देखो हसीन है

हाँ वो कितनी कली देखो हसीन है

हाँ वो कितनी कली देखो हसीन है     हाँ वो कितनी कली देखो हसीन है! अल्लाह की क़सम वो बहतरीन है   अल्लाह दिल से उसको ही भुला दें तू उसकी तरफ़ मेरा हर पल ज़हीन है   की प्यार से कैसे जोते भला यारों नफ़रत में बट गयी यारों ज़मीन है   हमला…

दिलों को तोड़ने वाले कहां इंसान होते है

दिलों को तोड़ने वाले कहां इंसान होते है

दिलों को तोड़ने वाले कहां इंसान होते है   दिलों को तोड़ने वाले कहां इंसान होते है। नहीं ईंसानियत की वो कभी पहचान होते है।।   लगाकर ठेस वो दिल को दिवानों की तरह अक्सर। खुशी इज़हार करते है बहुत शैतान होते  है।।   कभी अहसान मानेंगे नहीं चाहे करो कुछ  भी। भुला दे बात …

बारिश की बूंदें

बारिश की बूंदें

बारिश की बूंदें     ऐसी बरसी थीं मुझ पर कल बारिश की बूंदें बरसा था मुझ पर तुम्हारा प्यार जैसे   मिट गईं खलिश मिट गईं दूरियां एहसासों से मेरे कर गई साजिशें ऐसी बरसी थीं मुझ पर कल बारिश की बूंदें   भीगे भीगे से शिकवे भीगी भीगी शिकायत आंसुओं से मेरे कर…

बात

बात

बात ** रात हुई ना बात हुई क्या बात हुई? कुछ खास हुई! नाराज हुई नासाज हुई ऐसी क्यों हालात हुई? बड़ी खुश थी! जब मुलाकात हुई फिर इस खामोशी की वजह क्या हुई? जो वो रूठ गई क्या सचमुच मुझसे कुछ भूल हुई? क्या बात ही कोई चुभ गई? जाने एकदम क्यों वो चुप…

जब तक जग से आस रहेगी

जब तक जग से आस रहेगी

जब तक जग से आस रहेगी     जब  तक  जग से आस  रहेगी। दिल   में   कोई  प्यास   रहेगी।।   कांटा    बनके    उम्मीदों    की। चुभती   हरदम   फांस   रहेगी।।   रहबर   कोई   साथ   न   होगा। जिसकी तुझको तलाश रहेगी।।   दिल   के  भीतर  अरमानों  की। यूं   ही   तिरती    लाश   रहेगी।।   अश्क   भरी   होगी   सब  राहें।…