महक तेरी मुहब्बत की

महक तेरी मुहब्बत की | Ghazal

महक तेरी मुहब्बत की ( Mehak teri muhabbat ki )   इत्र क्या,  गुलाब क्या ,  खुशबु कैसी, कहां महक है इस जहान मे , तेरी जैसी   खुदा की खोज मे शीश झुकाया दर दर, कहां है पूजा कोई, तेरे आचमन जैसी   होंगे कई तेरे चाहने वाले, समझ है मुझको, ना  कही  होगी, …

पराया वो जब से चेहरा हुआ है

Sad Ghazal -पराया वो जब से चेहरा हुआ है

पराया वो जब से चेहरा हुआ है ( Praya Wo  Jab Se Chehra Hua Hai )   पराया वो जब से चेहरा हुआ है आंखों में अश्कों का दरिया हुआ है   भला कैसे ख़ुशी से मुस्कुराऊं मेरा दिल प्यार में  टूटा हुआ है   मनाऊँ भी भला कैसे उसे अब बहुत मुझको वही रूठा…

यहाँ रोज़ लब पे ख़ामोशी रही है!

Sad Shayari -यहाँ रोज़ लब पे ख़ामोशी रही है!

यहाँ रोज़ लब पे ख़ामोशी रही है! ( Yahaan Roz Lab Pe Khamoshi Rahi Hai )   यहां रोज़ लब पे ख़ामोशी रही है! कहीं प्यार की ही लबों पे हंसी है     किसी ने तोड़ा प्यार से ही भरा दिल आंखों में भरी प्यार की ही नमी है   उदासी ख़ामोशी भरी जिंदगी…

Aankhen Unki Hai Maikhane

Romantic Ghazal -आँखें उनकी है मयखाने

आँखें उनकी है मयखाने ( Aankhen Unki Hai Mainkhane )     आँखें उनकी है मयखाने। ओठ लगे जैसे पैमाने।।   गालों की रंगत है ऐसी। लाल -गुलाबी रँग मस्ताने।।   थाम दिलों को रह जाते है। जब लगते जुल्फ़े बिखराने।।   ढांप कभी आंचल से सर को। लगते मन ही मन शर्माने।।   घायल…

जिंदगी की ही नहीं कोई सहेली है यहां

Sad Ghazal -जिंदगी की ही नहीं कोई सहेली है यहां

जिंदगी की ही नहीं कोई सहेली है यहा     जिंदगी की ही नहीं कोई सहेली है यहां कट रही ये जिंदगी आज़म अकेली है यहां   खा गया हूँ मात उल्फ़त में किसी से मैं यारों प्यार की इक चाल मैंनें भी तो खेली है यहां   नफ़रतों की ही मिली है चटनी खाने…

आपकी याद आयी

love Hindi Poetry | Romantic Poetry -आपकी याद आयी

आपकी याद आयी ( Aapki Yaad Aayee )     टूटी दिल की तुम्हारी आशिक़ी याद आयी आज तो इस क़दर ये आपकी याद आयी   भायी थी जो कभी मेरी आंखों को नगर में गांव में आकर मुझको वो दिलकशी याद आयी   जो सुनी थी कभी उनके मुँह से प्यार की ही आज…

नहीं वो पास मेरे आ रही यादें

नहीं वो पास मेरे आ रही यादें

नहीं वो पास मेरे आ रही यादें   नहीं वो पास मेरे आ रही यादें! निगाहे को रुलाती है बड़ी यादें   कभी दिन साथ उसके ही गुजारे थे सतायें ख़्वाब में आकर वही यादें   बिना मेरा नहीं वो हम सफ़र जीवन यहां तो बस रुलाने को मिली यादें   उदासी का यहां आलम…

यादों की तानी रजाई!

यादों की तानी रजाई!

यादों की तानी रजाई!   यादों की तानी रजाई! लम्बी रातें है  तन्हाई   ख़्वाब में आता नहीं वो हाँ उदासी दिल पे छाई   चैन नहीं है रात भर अब याद जब से उसकी आई   सोच में डूबा दिल उसकी चोट दिल पे ऐसी खाई   हो चुका वो ग़ैर आज़म ये बताये…

दिल हुआ दीवाना मेरा एक मुखड़ा देखकर

दिल हुआ दीवाना मेरा एक मुखड़ा देखकर

दिल हुआ दीवाना मेरा एक मुखड़ा देखकर     दिल हुआ दीवाना मेरा एक  मुखड़ा देखकर! राह में पहले न हुआ था दोस्त ऐसा देखकर   प्यार क़ा ऐसा नशा उसका चढ़ा मुझको मगर मैं गवा बैठा किसी को होश अपना देखकर   दिल मचले है उसका ही अपना बनाने को मेरा उस हंसी का…

हर रहनुमा यहां झूठा निकला

हर रहनुमा यहां झूठा निकला

हर रहनुमा यहां झूठा निकला   हर रहनुमा यहां झूठा निकला! कोरा-कागज़ उसका वादा निकला!   सियासत की हर बिसात पे रक्खा, अवाम का ज़ख्म ताज़ा निकला!   रोए बहुत वो मैय्यत में आ -कर, उनकी गली से जनाज़ा निकला!   उलझा कर रंगी नारों में जनता को, मसीहा उड़न खटोले में बैठा निकला!  …