पराया वो जब से चेहरा हुआ है
पराया वो जब से चेहरा हुआ है

पराया वो जब से चेहरा हुआ है

( Praya Wo  Jab Se Chehra Hua Hai )

 

पराया वो जब से चेहरा हुआ है

आंखों में अश्कों का दरिया हुआ है

 

भला कैसे ख़ुशी से मुस्कुराऊं

मेरा दिल प्यार में  टूटा हुआ है

 

मनाऊँ भी भला कैसे उसे अब

बहुत मुझको वही रूठा हुआ है

 

जो उसके साथ मैंनें पल गुजारा

यादों में क़ैद  वो लम्हा हुआ है

 

न आयी रास उल्फ़त अपनों को ही

मुहब्बत पे मेरी  हमला हुआ है

 

गया वो तोड़ दिल उल्फ़त भरा ही

आज़म जीवन में ही तन्हा हुआ है

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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