ग़म से जीना सदा मुहाल रहा

ग़म से जीना सदा मुहाल रहा

ग़म से जीना सदा मुहाल रहा   ग़म  से जीना  सदा मुहाल  रहा।। फिर  भी  जीते  रहे कमाल रहा।।   क्यूं  दबे  हम ग़मों  के  बोझ तले। जिंदगी  भर   यही  मलाल  रहा।।   पास  रह   के  भी  दूर  -दूर   रहे। दूरियां   क्यूं  बढी   सवाल  रहा।।   याद   आती   रही   दुखाने  दिल। दिल  यूं  होता  सदा…

हुस्ने खिलता गुलाब है आज़म

हुस्ने खिलता गुलाब है आज़म

हुस्ने खिलता गुलाब है आज़म     हुस्ने खिलता गुलाब है आज़म ऐसा वो तो शबाब है आज़म   मैं पीना चाहता हूँ अब खुशियां पीली ग़म की  शराब है आज़म   कैसे करता मैं फ़ोन तुझको ही फ़ोन मेरा ख़राब है आज़म   रह गयी प्यार की बातें लब पे दें गया कब ज़वाब…

कोई तो ख़त का तू ज़वाब दें

कोई तो ख़त का तू ज़वाब दें

कोई तो ख़त का तू ज़वाब दें     कोई तो ख़त का तू ज़वाब दें न यूं बेरुख़ी तू  ज़नाब दें   किसी की लगेगी बुरी नज़र सनम चेहरे को तू हिजाब दें   न कर तू मुझे अजनबी मगर सनम प्यार का तू गुलाब दें   वफ़ा में दिये है मुझे तूने ग़मों…

हमसे पूछो न कि हुआ क्या है

हमसे पूछो न कि हुआ क्या है

हमसे पूछो न कि हुआ क्या है   हमसे पूछो न कि हुआ क्या है, दर्दे दिल की मेरे दवा क्या है।। तंग जेबों में ढूंढ़ने वालों, तुमको मालूम है कहां क्या है।। आज ही शुक्रिया कहूं उसका, कल की सांसों का भरोसा क्या है‌।। घोंटकर मेरी ख्वाहिशों का गला, पूछता है मेरी रजा़ क्या…

चैन दिल को ज़रा अब ख़ुदा भेज दें

चैन दिल को ज़रा अब ख़ुदा भेज दें

चैन दिल को ज़रा अब ख़ुदा भेज दें     चैन दिल को ज़रा अब ख़ुदा भेज दें जख़्मों की मेरे ही तू दवा भेज दें   जी लिया हूँ दुखों में बहुत दिन मगर जीस्त में रब ख़ुशी की हवा भेज दें   प्यार हो दोस्ती हो सनम हो ख़ुशी जीस्त में रब ऐसा…

बेरुख़ी दिल से ज़रा ये छोड़िए भी

बेरुख़ी दिल से ज़रा ये छोड़िए भी

बेरुख़ी दिल से ज़रा ये छोड़िए भी     बात जो इजहार हमसे कीजिए भी! बेरुख़ी दिल से ज़रा ये छोड़िए भी   यूं न हमको सनम नजरें अंदाज करो की हमारे  बारे में सनम सोचिए भी   यूं न आंखें दिखाओ नजाकत भरी प्यार की हमको नजरों से देखिए भी   जोड़लो रिश्ता हमेशा…

वो रहते हम से दूर सदा

वो रहते हम से दूर सदा

वो रहते हम से दूर सदा     वो रहते हम से दूर सदा। रख दिल में गाँठ हजूर सदा।।   सूरत भी कोई ख़ास नहीं। पर समझे खुद को हूर सदा।।   खूबी भी कोई पास नहीं। फिर भी रहते मगरूर सदा।।   हम बात नहीं करना चाहे। वो आदत से मजबूर सदा।।  …

हमारी राष्ट्र भक्ती

हमारी राष्ट्र भक्ती

हमारी राष्ट्र भक्ती     दोस्त गाओ रोज़ नगमा मुल्क का आदमी वो अपने सच्चा मुल्क का   मैं रहूँ परदेश में चाहें जहां क़ैद है आंखों में चेहरा मुल्क का   ले नहीं सकते दुश्मन कश्मीर को ये सदा होगा  हिस्सा मुल्क का   नींद में भी सिलसिला है अब यही ख़्वाब आंखों में…

प्यार की आजम थम गई बारिश

प्यार की आजम थम गई बारिश

प्यार की आजम थम गई बारिश     प्यार की आजम थम गई बारिश! नफ़रतों की होती रही बारिश   नफ़रतों के ख़ंजर चले मुझपे प्यार की कब गुलू हुई बारिश   नफ़रत की दोस्त धूप निकली है प्यार की जब से ही थमी बारिश   नफ़रत की धूप जिससें ढ़ल जाये ऐसी आती नहीं…

वो आंखें जो आज़म इधर होती!

वो आंखें जो आज़म इधर होती!

वो आंखें जो आज़म इधर होती!     वो आंखें जो आज़म इधर होती! प्यार की फ़िर उससे नज़र होती   दिल को मेरे क़रार आ जाता हाँ अगर जो उसकी ख़बर होती   अंजुमन से चला गया उठकर  प्यार की कुछ  बातें मगर होती   यूं न होते अंधेरे ग़म के फ़िर जीस्त में…