प्यार की आजम थम गई बारिश
प्यार की आजम थम गई बारिश

प्यार की आजम थम गई बारिश

 

 

प्यार की आजम थम गई बारिश!

नफ़रतों की होती रही बारिश

 

नफ़रतों के ख़ंजर चले मुझपे

प्यार की कब गुलू हुई बारिश

 

नफ़रत की दोस्त धूप निकली है

प्यार की जब से ही थमी बारिश

 

नफ़रत की धूप जिससें ढ़ल जाये

ऐसी आती नहीं कभी बारिश

 

इसलिए फूलों में नहीं ख़ुशबू

जब नहीं होती शबनमी बारिश

 

आग नफ़रत की बुझ गयी आज़म

 कल जमीं पे ऐसी पड़ी बारिश

 

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शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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