क्या खता थी नजर मिलाना था

Ghazal | क्या खता थी नजर मिलाना था

क्या खता थी नजर मिलाना था ( Kya Khata Thi Nazer Milana Tha )     क्या  ख़ता  थी  नजर मिलाना था, लेके  खंजर  खड़ा  ज़माना  था।। हादशा   हुआ   तो   हुआ   कैसे, कुछ ही लोगों का आना जाना था‌।। मैं ही खुशबू हूं उनके गुलशन की, उनका  हरदम  यही  बहाना था।। बहुत  सम्भाला  मगर  टूट…

अपनों ने गम से ही भरा जीवन

Sad Ghazal | अपनों ने गम से ही भरा जीवन

अपनों ने गम से ही भरा जीवन ( Apno Ne Gham Se Hi Bhara Jeevan )     अपनों ने ग़म से ही भरा जीवन लूटकर सुख ऐसा किया जीवन   आंसू ग़म इतने है मिले मुझको हाँ  ख़ुशी  के लिए जला जीवन   तोड़कर  प्यार  की  दीवारे  वो ग़म भरा मेरा कर गया जीवन…

कितनी हिम्मत वाली नारी है

Ghazal | कितनी हिम्मत वाली नारी है

कितनी हिम्मत वाली नारी है ( kitni  Himmat Wali Nari Hai )     कितनी हिम्मत वाली नारी है मुश्किल से न कभी हारी है   संसार चलाती है यें लोगों देखो यें सबसे  न्यारी है   सम्मान करो नारी का ही लगती यें  तुलसी प्यारी है   देती ख़ुशबू प्यार भरी ही नारी फ़ूलों…

हां वफ़ा का जिसे लिखा खत है

Ghazal | हां वफ़ा का जिसे लिखा खत है

हां वफ़ा का जिसे लिखा खत है ( Han Wafa Ka Jise Likha Khat Hai )   हां वफ़ा का जिसे लिखा ख़त है ! दें  गया  वो  मुझे  बेवफ़ा ख़त है   शहर  जाकर  भुला  मुझे  ऐसा फ़िर कभी भी नहीं लिखा ख़त है   वो  न  देता  जवाब  कोई  भी की लिखा प्यार…

आदमी

Ghazal | आदमी

आदमी ( Aadmi )   हर  तरफ मजबूरियों में, रो  रहा है  आदमी। आंसुओं से जख़्मे दिल को,धो रहा है आदमी।   कौन किसके दर्द की,आवाज को सुनता यहॉं, डालकर  कानों  में  रूई,  सो  रहा है आदमी।   दौरे तूफॉं में चैन से,जीना कोई मुमकिन नहीं, भार  अपनी  ज़िंदगी  का, ढो रहा है आदमी।  …

दिलों को तोड़ने वाले जहां में कम नहीं मिलते

Ghazal | दिलों को तोड़ने वाले जहां में कम नहीं मिलते

दिलों को तोड़ने वाले जहां में कम नहीं मिलते ( Dilon Ko Todne Wale Jahan Mein Kam Nahi Milte )   दिलों  को  तोड़ने  वाले जहां में कम नहीं मिलते। मगर फिर भी ज़माने में हमेशा ग़म नहीं मिलते।।   कभी  खुशियाँ चली आती कभी हो सामना ग़म से। मिटा दे सिर्फ ग़म को जो…

जिंदगी में खुशी नहीं आती

Ghazal | जिंदगी में खुशी नहीं आती

जिंदगी में खुशी नहीं आती   ( Zindagi Mein Khushi Nahi Aati )   जिंदगी  में  खुशी नहीं आती हाँ  ऐसी आशिक़ी नहीं आती   आबरु लुट जाए अगर जो ये लौटकर वो  कभी नहीं आती   लुट जाते है जो प्यार में यारों उन  लबो पे हंसी नहीं आती   जब अधेरे घेरे है…

तुझसे मुख्फी करते हुए भी डर लगता है

Ghazal | तुझसे मुख्फी करते हुए भी डर लगता है

तुझसे मुख्फी करते हुए भी डर लगता है ( Tujhse Mukhphi Karte Hue Bhi Dar Lagta Hai )   तुझसे मुख्फी करते हुए भी डर लगता है सोज़-ए-दीवानगी क्यों मुझे खर लगता है   जहाँ देखो वहीँ बैठ जाता हूँ नाजाने क्यों देखने में तो यह अपना ही घर लगता है   बे-सब्र  बचाए  जा …

लकीर

Ghazal | लकीर

लकीर ( lakeer )   हाथों की उलझी लकीरों में, तेरा नाम ढूंढ रहा हूँ। इक  बार  नही कोशिश ये, बार बार कर रहा  हूँ।   शायद  नही तू किस्मत में, एहसास कर रहा हूँ। फिर भी हृदय से कोशिश मैं, हर बार कर रहा हूँ।   कुछ रेखाएं ऐसी है जो, कुछ दूरी  तक…

मिटाया तेरा नाम दिल और दर से

Ghazal || मिटा जब तेरा नाम इस दिल के दर से

मिटा जब तेरा नाम इस दिल के दर से (Mita Jab  Tera Naam Is Dil Ke Dar Se)     मिटा जब तेरा नाम इस दिल के दर से। हटा बौझ- सा कुछ कोई जैसे सर से।।   हुई हम को नफ़रत शकल से बहुत ही। गिरे  जब  से  हो तुम हमारी नज़र से।।  …