Wo to uda hansi

Ghazal | वो तो उड़ा हंसी चेहरे से हिजाब शायद

वो तो उड़ा हंसी चेहरे से हिजाब शायद ( Wo to uda hansi chehre se hijab shayad ) वो तो उड़ा हंसी चेहरे से हिजाब शायद ऐसा लगा जैसे निकला आफ़ताब शायद   मैं समझा खिल गये है वो  फ़ूलों की बहारे महका था उस हंसी का ही वो शबाब शायद   वो फ़ोन आजकल…

जिंदगी में ख़ुदा ख़ुशी चाहिए

जिंदगी में ख़ुदा ख़ुशी चाहिए | Zindagi Shayari

जिंदगी में ख़ुदा ख़ुशी चाहिए ( Zindagi mein khuda khushi chahiye )     जिंदगी में ख़ुदा  ख़ुशी चाहिए ! उम्रभर ऐसी वो जिंदगी चाहिए   भेज दें ए ख़ुदा जिंदगी की ख़ुशी और ख़ुशी की नहीं बेदिली चाहिए   खाली है जिंदगी में बहुत ही दग़ा बावफ़ा अब ख़ुदा दोस्ती चाहिए   रब अंधेरों…

साहिल- तेरे लिए

साहिल- तेरे लिए | Hindi Ghazal

साहिल- तेरे लिए ( Sahil- tere liye )   मन के अरमान मेरे बहकने लगे, तुम चले आओ अब मेरे आगोश में।   बिन तुम्हारे है सूनी, प्रणय वाटिका, रिक्तता सी है मेरे प्रणय कोश में।।   तुम मिले मुझको जब, मैं दिवानी हुई, जो मेरे पास था छोड़ कर आ गई।   प्रीत बाबुल…

महक तेरी मुहब्बत की

महक तेरी मुहब्बत की | Ghazal

महक तेरी मुहब्बत की ( Mehak teri muhabbat ki )   इत्र क्या,  गुलाब क्या ,  खुशबु कैसी, कहां महक है इस जहान मे , तेरी जैसी   खुदा की खोज मे शीश झुकाया दर दर, कहां है पूजा कोई, तेरे आचमन जैसी   होंगे कई तेरे चाहने वाले, समझ है मुझको, ना  कही  होगी, …

मोहब्बत का जैसे असर लग रहा

मोहब्बत का जैसे असर लग रहा | Ghazal

मोहब्बत का जैसे असर लग रहा ( Mohabbat ka jaise asar lag raha )   खूबसूरत सुहाना सफर लग रहा। मोहब्बत का जैसे असर लग रहा।।   राह -ए -हयात जिस पर मैं थक जा रही थी। उस पर चलती रहूं उम्र भर लग रहा।।   ख्वाबों में अब तक जो मेरे आता रहा। रूबरू…

कितना आसाँ है कहना - भूल जाओ

कितना आसाँ है कहना – भूल जाओ | Ghazal

कितना आसाँ है कहना – भूल जाओ ( Kitna aasan hai kehna – bhool jao )   इस दिल पे इतनी सी इनायत करना सुर्ख लबो में अलफ़ाज दबाये रखना खामोश रही आँखो पे सवालात न करना चंद रौशनदानो को भी घर में खुला रखना   हवा का रुख बदलेगा जमाना जब भी घर की…

सिलसिला जब से मुहब्बत का हुआ!

सिलसिला जब से मुहब्बत का हुआ | Romantic Poetry

सिलसिला जब से मुहब्बत का हुआ! ( Silsila jab se muhabbat ka hua )   सिलसिला जब से मुहब्बत का हुआ! और  भी  रिश्ता  उससे गहरा हुआ   आशना तो वो रहा बनकर मुझसे वो नहीं  दिल से मगर  मेरा हुआ   देखता था जो कभी उल्फ़त नजर आज मेरा  दुश्मन वो  चेहरा हुआ  …

साथ तुम आ जाओ

साथ तुम आ जाओ | Romantic Poetry In Hindi

साथ तुम आ जाओ   ( Saath tum aa jao ) साथ आज तुम आ जाओ तो, संबल मुझको मिल जाए। जीवन  नैया डगमग डोले, उजड़ी बगिया खिल जाए।।   कंटक पथ है राह कठिन है, कैसे मंजिल पाऊंगा। हाय अकेला चला जा रहा, साथी किसे बनाऊंगा। फिर भी बढ़ता जाऊंगा, शायद किनारा मिल जाए।…

सुनो..

सुनो..| Romantic Poetry In Hindi

सुनो.. ( Suno )   सुनो… तुम एक बार दो कदम घर से निकल कर देखो तो जरा चार क़दम चलते ही मैं उसी चौराहे पर खड़ा इंतजार कर रहा होऊंगा तुम्हारे आने का….   उस चौराहे से चुन लेना कोई भी एक रास्ता और चल पड़ना उस रास्ते पर जो मुझ तक ले आएगा…….

अब रहा है कौन अपना गांव में

अब रहा है कौन अपना गांव में | Ghazal

अब रहा है कौन अपना गांव में  ( Ab raha hai kaun apne gaon mein )     अब रहा है कौन अपना गांव में रह गया हूँ देखो तन्हा गांव में!   वो नहीं आया नगर से लौटकर रस्ता उसका रोज़ देखा गांव में   छोड़ आया  हूँ नगर मैं इसलिए है मकां ए…