भीगी सी अश्कों से दिल की जमीन है

Ghazal | भीगी सी अश्कों से दिल की जमीन है

भीगी सी अश्कों से दिल की जमीन है ( Bhigi Si Ashkon Se Dil Ki Zameen Hai )     भीगी सी अश्कों से दिल की जमीन है! यें   जिंदगी   अधूरी   तेरे   बिन   है   ऐसा मिला दग़ा खुशियों से ही मुझे दिल  रोज़  रहता मेरा ही हज़ीन है   वो तोड़कर गया क्यों रिश्ता…

बर्बादियों का ग़म न शिकवा बेवफाई का

Ghazal | बर्बादियों का ग़म न शिकवा बेवफाई का

बर्बादियों का ग़म न शिकवा बेवफाई का (Barbadiyon Ka Gham Na Shikwa Bewafai Ka)   बर्बादियों  का  ग़म न शिकवा बेवफाई का। हमको मिला है ये सिला तो आशनाई का।। था फ़लसफ़ा कुछ भी नहीं गुमराह हम हुए। अफसोस  होता  है  तेरी उस रहनुमाई का।।   बदनाम  हम को कर गए दिल को लगा के…

Door Jub Se Khoosi Ke Saye Ho Gaye

Ghazal | दुर जब से ख़ुशी के साये हो गये

दुर जब से ख़ुशी के साये हो गये ( Door Jub Se Khoosi Ke Saye Ho Gaye )   दुर जब से ख़ुशी के साये हो गये! जख़्म दिल में ग़म के गहरे हो गये   कौन सच्ची  वफ़ायें निभाता है अब देखिए  अब  दिलों में धोखे हो गये   आंख भरके वफ़ा की नहीं…

आपके ही गॉंव में,कब से नदी इक ठहरी है

Ghazal | आपके ही गॉंव में,कब से नदी इक ठहरी है

आपके ही गॉंव में,कब से नदी इक ठहरी है ( Aap Ke Hi Gaon Me Kub Se Nadi Ek Thahri Hai )     आपके ही गॉंव में,कब से नदी इक ठहरी है। और नीचे बस्तियों में,जल की अफ़रा-तफ़री है।   जो विमानों से शहर की, दूरियों को मापते हैं, उनको क्या मालूम कैसी,जेठ की…

मत रख नफरत दोस्ती एक फूल है

Ghazal | मत रख नफरत दोस्ती एक फूल है

मत रख नफरत दोस्ती एक फूल है ( Mat Kar Nafrat Dosti Ek Phool Hai)     मत रख नफरत दोस्ती एक फूल है! प्यार  कर  लें  जिंदगी  इक  फ़ूल है   मयकशी करनी छोड़ो भी अब ज़रा संभलो  यारों  जिंदगी  इक  फ़ूल है   दूर जीवन से करो ग़म सब अपनें होठों  पे  देखो …

दोस्ती का हक अदा कर!

Dosti Ka Haq | दोस्ती का हक़ अदा कर

दोस्ती का हक अदा कर! ( Dosti Ka Haq Ada Kar )     दोस्ती का हक अदा कर! इतनी दिल से तू वफ़ा कर   दिल से रिश्ता तू निभालें दिल न अपना बेवफ़ा कर   दें वफ़ा तू जिंदगी भर यूं न उल्फ़त में जफ़ा कर   साथ बनकर हम सफ़र चल हर…

हमेशा ही रहे हम तो बुरे उनकी निगाहों में

Ghazal | हमेशा ही रहे हम तो बुरे उनकी निगाहों में

हमेशा ही रहे हम तो बुरे उनकी निगाहों में ( Hamesha hi Rahe Ham To Bure Unke Nigahon Mein )     हमेशा  ही  रहे  हम तो बुरे उनकी निगाहों में। गुनहगारों में की गिनती रहे जब बेगुनाहों में।।   बिना सोचे बिना समझे कई इल्ज़ाम दे डाले। जिगर का दर्द पढ़ पाए नहीं वो…

कहानी

Ghazal | कहानी

कहानी ( Kahani )   कल एक कहानी लिखुंगा मैं तेरे प्यार की इक निशानी लिखुंगा जो तूने दिया था बचपन में मैं तेरी वो रवानी लिखुंगा कल एक कहानी लिखुंगा मैं तेरे प्यार की इक निशानी लिखुंगा   वो गलियां थी तू गुड़िया थी मैं तेरा गुड्डा बना था जहां खेले और लड़े हम…

साथ में कोई नहीं मेरे चला है

Ghazal | साथ में कोई नहीं मेरे चला है

साथ में कोई नहीं मेरे चला है ( Saath Mein Koi Nahi Mere Chala Hai )   साथ   में  कोई  नहीं  मेरे  चला  है दुश्मनों से ही आज़म तन्हा लड़ा है   प्यार के मुझको मिले मरहम नहीं थें अपनों से ही जख़्म बस मिलता रहा है   मैं  ख़ुशी  से  मुस्कुरा  पाया  नहीं  हूँ…

दिलों के टूटने की जब कभी शुरुआत होती है

Ghazal | दिलों के टूटने की जब कभी शुरुआत होती है

दिलों के टूटने की जब कभी शुरुआत होती है ( Dilon Ke Tootne Ki Jab Kabhi Shuruaat Hoti Hai )   दिलों  के  टूटने  की  जब  कभी शुरुआत होती है। कहो कब चैन मिलता है तङफ दिन-रात होती है।।   बहुत  मजबूत  होते  हैं  ग़मों को झेलने वाले। कभी भी उनकी आंखों से नहीं बरसात…