Ghazal || मिटा जब तेरा नाम इस दिल के दर से
मिटा जब तेरा नाम इस दिल के दर से (Mita Jab Tera Naam Is Dil Ke Dar Se) मिटा जब तेरा नाम इस दिल के दर से। हटा बौझ- सा कुछ कोई जैसे सर से।। हुई हम को नफ़रत शकल से बहुत ही। गिरे जब से हो तुम हमारी नज़र से।। …
मिटा जब तेरा नाम इस दिल के दर से (Mita Jab Tera Naam Is Dil Ke Dar Se) मिटा जब तेरा नाम इस दिल के दर से। हटा बौझ- सा कुछ कोई जैसे सर से।। हुई हम को नफ़रत शकल से बहुत ही। गिरे जब से हो तुम हमारी नज़र से।। …
मेरी नजर में ‘आका बदल रहे हैं’ ग़जल संग्रह ‘आका बदल रहे हैं’- गजल संग्रह, श्री विजय तिवारी का एक बहुत सार गर्भित ग़जल संग्रह है। साहित्य और समाज दोनों का चोली दामन का संबंध है, इस लिहाज से भी इन ग़जलों में प्रस्तुत भाव,विचार, व्यंग्य,जैसे-जैसे इस गजल संग्रह को हम पढ़ते हैं, वैसे वैसे…
जुगनू आये नया उजाला लेकर ( Jugnoo Aaye Naya Ujala Lekar ) बुझते दीपक मे साथ जलने आई हूं अपनी सारी ही तमन्नाए साथ लाई हूँ खुदको खोकर मेरा मोल लगाया तुमने दिल के बाजार में बिकने के लिए आयी हूँ चोट पत्थर से नहीं फूल से खायी तुमने इक नादान मुहब्बत में लुट…
हुंकार का दिल ( Hunkaar Ka Dil ) मूंगफली के दाने सा, छोटा सा दिल है मेरा। उसपर भी ना सम्हाला तुझसे,ला दिल वापस मेरा। कोई कही तो होगा जिसको, मेरा दिल प्यार होगा, लाखों मे कही एक है होता, ऐसा दिल है मेरा। छोटा सा है चिप के जैसा,जिसकी मेमोरी…
न जाने कौन सी बीमारी है ( Na Jane Kaun Si Bimari Hai ) जिगर में दर्द अश्क जारी है। न जाने कौन सी बीमारी है।। शुकून लाऊं तो लाऊं कैसे, हर तरफ बहुत पहरेदारी है।। चार कंधों पर सज गया बिस्तर, क्या मेरे जाने की तैयारी है।। मुहब्बत खेल…
अनमोल धरोहर ( Anmol Dharohar ) बेटी हैं अनमोल धरोहर, संस्कृति और समाज की। यदि सभ्यता सुरक्षित रखनी, सींचो मिल सब प्यार से ।। मां के पेट से बन न आई, नारी दुश्मन नारी की । घर समाज से सीखा उसने, शिक्षा ली दुश्वारी से।। इच्छाओं को मन में अपने, एक एक…
गए छोड कर वो हमें एक पल में ( Gae Chhod Kar Wo Hame Ek Pal Mein ) गए छोड कर वो हमें एक पल में।। लुटा दिल का गुलशन बहारे-चमन में।। बनाए सभी ख़ास जग में खुदा ने। है खो जाती पहचान सारी नकल में।। उसे छोड़ दो हाल पे तुम …
सांसों में ही आती रोज खुशबू रही ( Sanson Mein Hi Aati Roj Khushboo Rahi ) सांसों में ही आती रोज़ ख़ुशबू रही इसलिए याद दिल को आती तू रही चैन दिल को भला कैसे हो जीस्त में ए सनम तू नजर आती हर सू रही प्यार का ही असर तेरे ऐसा…
धीरे-धीरे ( Dhire Dhire ) साजिश का होगा,असर धीरे-धीरे। फिजाँ में घुलेगा ,जहर धीरे-धीरे। फलाँ मजहब वाले,हमला करेंगे, फैलेगी शहर में,खबर धीरे-धीरे। नफरत की अग्नि जलेगी,हर जानिब, धुआँ-धुआँ होगा,शहर धीरे-धीरे। मुहल्ला-मुहल्ला में,पसरेगा खौप, भटकेंगे लोग दर,बदर धीरे-धीरे। सियासत के गिद्ध,मँडराने लगेंगे, लाशों पर फिरेगी,नज़र धीरे-धीरे। कवि : बिनोद बेगाना जमशेदपुर, झारखंड…
नेतागिरी (व्यंग ) ( Netagiri – Vyang ) हमहू करबई नेतागिरी झट से आए हमरो अमीरी नेतागिरी में आराम बा सबसे बढ़िया काम बा एक बार जब जीत के जाईब जिवन भर पेंशन हम पाईब जब तक रहिब विधायक सांसद, खूबई पैसा लेब कमाईब हमहू करबई जम के लूट बोलब जनता से खूब झूठ…