Eid Ghazal

Eid Ghazal | ईद पर ग़ज़ल

ईद पर ग़ज़ल ( Eid Par Ghazal )   लिए पैगाम खुशियों का मुबारक ईद आती है। भुलाकर वैर आपस के हमें जीना सिखाती है।।   खुदा के है सभी बंदे भले मजहब कोई भी हो। करो दीदार चंदा का दिलों का तम हटाती है।।   नहीं  कोई  पराया  है  बढ़ाके  हाथ  तो  देखो। गले…

व़क्त तन्हा यहां मेरा कटता नहीं

Hindi poem on time| व़क्त तन्हा यहां मेरा कटता नहीं

व़क्त तन्हा यहां मेरा कटता नहीं ( Waqt tanha yahan mera katata nahin )   व़क्त तन्हा यहां मेरा कटता नहीं! जिंदगी में हंसी कोई लम्हा नहीं   सिलसिला फ़िर न होता मनाने का ही वो  अगर  मुझसे  नाराज़  होता नहीं   टूट गया है जुड़ने से पहले ही रिश्ता जुड़ा  कोई  उससे  मेरा  रिश्ता…

मुहब्बत की ख़ुशबू से मन भरा है

Hindi Ghazal on love | मुहब्बत की ख़ुशबू से मन भरा है

मुहब्बत की ख़ुशबू से मन भरा है ( Muhabbat KI  Khushboo Se Man Bhara Hai )     मुहब्बत की ख़ुशबू से मन भरा है! गुलाबी फ़ूल मन में खिल रहा है   मुहब्बत में हुआ घायल मैं ऐसा किसी की तीर आंखों का चला है   रहा वो ग़ैर बनकर रोज़ मुझसे हंसी चेहरा…

शीशा-ए-दिल पे जमी है धूल शायद

शीशा-ए-दिल पे जमी है धूल शायद | Ghazal on love

शीशा-ए-दिल पे जमी है धूल शायद ( Shisha-e-Dil Pe Jami Hai Dhool Shayad )   शीशा-ए-दिल पे जमी है धूल शायद। देखने  में  हो  रही  है  भूल शायद।।   आरजू होती नहीं सब दिल की पूरी। हर दुआ होती नहीं मक़बूल शायद।।   एक साया-सा नज़र आया है हम को। दूर  अब  तो  है नही…

रिश्ता प्यार का जोड़ना चाहता हूँ

Ghazal | रिश्ता प्यार का जोड़ना चाहता हूँ

रिश्ता प्यार का जोड़ना चाहता हूँ ( Rishta Pyar Ka Jodna Chahta Hoon )   रिश्ता प्यार का  जोड़ना चाहता हूँ! दीवारें नफ़रतें  तोड़ना चाहता हूँ   मिली है किसी दर से ही बेदिली है अब यें शहर मैं छोड़ना चाहता हूँ   ख़फ़ा होते है लोग मुझसे यहां कुछ यहां सच जब भी बोलना…

इक़रार ए मुहब्बत का वो ज़वाब देता

Love Shayari | इक़रार ए मुहब्बत का वो ज़वाब देता

इक़रार ए मुहब्बत का वो ज़वाब देता ( Iqrar -E- Muhabbat Ka Wo Jawab Deta )   इक़रार  ए  मुहब्बत  का  वो  ज़वाब देता तो मैं उसे मुहब्बत का आज़म गुलाब देता   अहसास नफ़रतों का लगता नहीं मुझे फ़िर जो  प्यार  की  रवानी  दिल से ज़नाब देता   कर  लेता  वो मुहब्बत मेरी क़बूल…

छोड़ दें करनी नहीं यें मयकशी अनमोल है

Ghazal | छोड़ दें करनी नहीं यें मयकशी अनमोल है

छोड़ दें करनी नहीं यें मयकशी अनमोल है ( Chod Den Karni Nahi Ye Mayakashi Anamol Hai )     छोड़ दें करनी नहीं यें मयकशी अनमोल है देखिए  यारों  बहुत  ही जिंदगी अनमोल है     तोड़ना  मत  तू  कभी  भी दोस्ती ए यार यें  दिल में रखना तू बसाकर दोस्ती अनमोल है  …

दिल में हमारे आप की सूरत उतर गई

दिल में हमारे आप की सूरत उतर गई | Ghazal

दिल में हमारे आप की सूरत उतर गई ( Dil Mein Hamare Aap Ki Surat Utar Gai )   दिल में हमारे आप की सूरत उतर गई । सारे जहां में आप पे जब से नज़र गई।।   आंचल  से   अपने  खेलना बाहों में थाम के। दिल पे जवानी आप की जादू-सा कर गई ।।…

बर्बादियों का ग़म न शिकवा बेवफाई का

Ghazal | बर्बादियों का ग़म न शिकवा बेवफाई का

बर्बादियों का ग़म न शिकवा बेवफाई का (Barbadiyon Ka Gham Na Shikwa Bewafai Ka)   बर्बादियों  का  ग़म न शिकवा बेवफाई का। हमको मिला है ये सिला तो आशनाई का।। था फ़लसफ़ा कुछ भी नहीं गुमराह हम हुए। अफसोस  होता  है  तेरी उस रहनुमाई का।।   बदनाम  हम को कर गए दिल को लगा के…

मत रख नफरत दोस्ती एक फूल है

Ghazal | मत रख नफरत दोस्ती एक फूल है

मत रख नफरत दोस्ती एक फूल है ( Mat Kar Nafrat Dosti Ek Phool Hai)     मत रख नफरत दोस्ती एक फूल है! प्यार  कर  लें  जिंदगी  इक  फ़ूल है   मयकशी करनी छोड़ो भी अब ज़रा संभलो  यारों  जिंदगी  इक  फ़ूल है   दूर जीवन से करो ग़म सब अपनें होठों  पे  देखो …