तीज का त्यौहार
( Teej ka tyohar )
तीज का आया यह प्यारा त्यौहार,
बादलों से बरस रही हल्की फुहार।
सातरंग में रंगा है प्यारा आसमान,
चारों और छाया यह बसन्त बहार।।
हरा भरा हो गया यह सारा जहान,
झूलें का मौसम में खास परिधान।
हरें पत्तों- लताओं से झूला सजाते,
झूला झूलकर जैसे गगन को छूते।।
मिलझुल कर तीज का पर्व मनातें,
घेवर और गुजिया सब घर बनातें।
परदेशी नौजवान आते अपनें घर,
धूमधाम से गीत के तराने ये गातें।।
कहतें सब इसको हरियाली तीज,
होती है मोहब्बत की सदैव जीत।
स्त्री लहॅंगा चुनर पहनें पीले, ग्रीन,
प्यारा ये पर्व जीत लेता मन मीत।।
महिलाऍं करती है इसदिन श्रृॅंगार,
हाथों में मेहन्दी करें व्रत उपवास।
माता गोरी का करती सभी ध्यान,
जिससे पूरी होती सभी की आस।।
रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )