तेरी दहलीज पर पापा | Teri Dehleez Par Papa
तेरी दहलीज पर पापा
तेरी दहलीज पर पापा
दो दिन का ठिकाना है।
इसी में हंस लूँ,मुस्कुरा लूँ,
यही विधि और विधान है।
जिसने प्रेम से पाला पोसा
वही हमारी नहीं दुनिया में।
दूसरा कौन भला सोच हमारी?
बचपन से मेरा है मेरा है घर,
एक झटके में हो सब पराया।
जन्म-जन्म का यह अपना घर।
तेरे दहलीज पर पापा,
दो दिन का ठिकाना है।
उड़ते पता सा वहां से उड़ जाना है।
किसी के देहलीज में समा जाना है।
यह ईश्वर की माया पल भर में छोड़।
कहीं ठिकाना बना लेना है जग में।
भानुप्रिया देवी
बाबा बैजनाथ धाम देवघर