तेरी सीता हूँ मैं | Teri Sita hoon main
तेरी सीता हूँ मैं!
( Teri Sita hoon main )
सइयाँ आँखों में तेरी कहानी रहे,
साथ जिऊँ, सजन जिन्दगानी रहे।
तेरी सीता हूँ मैं, राम हो तुम मेरे,
मेरे माथे पे तेरी निशानी रहे।
मेरा जीवन बीते भले काँटों पे क्या,
जग की नजरों पे तेरा वो पानी रहे।
आँधियों में दीया मेरा जलता रहे,
हौसलों का ये मंजर तूफानी रहे।
भूलकर भी न नजरें ये फिसलें कभी,
तेरा चेहरा सदा ये नूरानी रहे।
मेरा दिल हो तुम्हीं, मेरी साँसें तुम्हीं
तेरी रानी तुम्हारी दीवानी रहे।
तुम हो सूरज मेरे, मैं हूँ चन्दा तेरी,
खिलखिलाती तेरी रातरानी रहे।
शान घटने न पाए वतन की कभी,
बाजुओं में तेरे वो जवानी रहे।
तू फ़रिश्ते के जैसा है दिखता मुझे,
मेरे सिर पे तेरा छप्पर-छानी रहे।
कोई रावण पलट के न देखे मुझे,
तेरी ताकत सदा आसमानी रहे।
रामकेश एम.यादव (रायल्टी प्राप्त कवि व लेखक),
मुंबई