तूफान उठाया है

तूफान उठाया है

तूफान उठाया है

इस दिल के समुंदर में तूफान उठाया है
मासूम निगाहों ने जब तीर चलाया है

वो दिल के दरीचों से नज़दीक लगा इतना
इक पल में उसे हमने हमराज़ बनाया है

ताउम्र रहे रौशन दहलीज़ तेरे घर की
यह दीप मुहब्बत का यूँ हमने जलाया है

तुमने जो किया दिल को उम्मीद से वाबस्ता
इक ताजमहल हमने हर रोज़ बनाया है

अब मेरी वफ़ाओं के चर्चे हैं ज़माने में
क्या तुमने मुहब्बत का अंदाज़ सिखाया है

इस दौरे-कशाकश में यह जानते हैं हम ही
इन रस्मो-रिवाज़ों को बस कैसे निभाया है

ताबीर यक़ीं रखना छोड़ेगी असर अपना
जो तुमने निगाहों में यह ख़्वाब सजाया है

सब जानते हैं साग़र इस हाथ की फ़नकारी
जिस शय को छुआ हमने मुमताज़ बनाया है

Vinay

कवि व शायर: विनय साग़र जायसवाल बरेली
846, शाहबाद, गोंदनी चौक
बरेली 243003

यह भी पढ़ें:-

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *