Kavi ki kavita
Kavi ki kavita

कवि की कविता 

( Kavi ki kavita ) 

 

अब हम भी लिखेंगें  ऐसी कविता ख़ास,

कर ली जो हमनें कक्षा मैट्रिक यह पास।

ज्ञान विज्ञान और हिन्दी गणित के साथ,

करेंगें अब हम  साहित्यिक मंच विकास।।

 

सीखा व्यंजन और सीखा स्वर का ज्ञान,

सीखें हमने शब्द और इनके बहुत अर्थ।

गद्य पद्य पाठ पढ़ा, बढ़ाया गुरु का मान,

पास ना होते मैट्रिक तो जीवन था व्यर्थ।।

 

लिखेंगें हम लेख आलेख और कविताऍं,

धीरे धीरे सीख जाऍंगे हम सभी विधाएँ।

लिखेंगे हम यें ग़ज़ल मुक्तक पैरोडी दोहें,

कथाएँ कहानियाँ और अनेंक ये रचनाएँ।।

 

जल में तैर सकतें हम मछली के समान,

आसमान में उड़ सकतें पक्षी के समान।

चन्द्रमा पे पहुँच गऍं बन तारों के समान,

अब कविताएँ लिखेंगें लेखक के समान।।

 

लिखेंगें कविताएँ सब की सब शिक्षाप्रद,

पढ़ सकें जिनको बच्चें जवान बुड्ढे सब।

परा और अपरा  विधाओ के  दो प्रकार,

इसी में लिखेंगें हास्य और वीर रस सब।।

 

चाहें मिलें या नही हमें साहित्य के रत्न,

अपनी लगन सोच से करेंगे हम प्रयत्न।

रूख हमनें जीनें का अब यें मोड़ लिया,

देश सेवा, साहित्य के करतें रहेंगे जत्न।।

रचनाकार :गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here