Shiksha ka mahatva par kavita
Shiksha ka mahatva par kavita

शिक्षा का महत्व 

( Shiksha ka mahatva )

 

उच्च विचार अंतर्मन दौड़े, ऊंची उड़े उड़ान।
प्रगति पथ पर बढ़ चले, उन्नति के सोपान।

 

स्वप्न सुनहरे सच हो, चले विकास की लहर।
सुविधाओं से संपन्न हो, हर गांव हर शहर।

 

शिक्षा का सूरज दमके, निर्माण हो भरपूर।
चहुमुखी विकास करें, हो हर शख्स मशहूर।

 

निखर निखर प्रतिभाएं, निखारे आवरण सारा।
कला कौशल कुशलता, की बहती विकास धारा।

 

सद्भाव प्रेम उर भरकर, चले विकास की ओर।
नवसृजन नव संस्कार से, नवजीवन की भोर

 

मुदित मन हर्षित हृदय, आनंद के पल हो प्यारे।
उन्नति शिखर नभ को छुए, प्रगति पथ उजियारे।

 

 

रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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