विश्व हिन्दी दिवस पर विशेष

( Vishwa Hindi Diwas par Vishesh )

 

भारत माँ के शीश महल की, राज दुलारी हिन्दी है
भाषाएँ हैं और भी लेकिन, सब पे भारी हिन्दी है

दिनकर, जायसी और निराला, हिन्दी के रखवाले थे
बच्चन, नीरज और नामवर, इसके ही मतवाले थे
तुलसी और कबीर ने मिलकर बहुत निखारी हिन्दी है।1।
भारत माँ के शीश महल की………

हर भाषा में गुण है लेकिन हिन्दी गुणों का सागर है
प्रेम स्नेह ही भरा हो जिसमें, हिन्दी ऐसी गागर है
एक किया है इसने सबको शान हमारी हिन्दी है।2।
भारत माँ के शीश महल की………

अंग्रेजी की धार में बहके चाहे आगे बढ़ना है
लेकिन बच्चों कस्म है तुमको हिन्दी को भी पढ़ना है
भारत की मर्यादा हिन्दी सबसे न्यारी हिन्दी है।3।
भारत माँ के शीश महल की………

भारत माँ के शीश महल की, राज दुलारी हिन्दी है
भाषाएँ हैं और भी लेकिन, सब पे भारी हिन्दी है
आओ मिलकर क़दम-क़दम पर पुष्प खिलाएं हिन्दी के
हर आँगन और मन मंदिर में दीप जलाएं हिन्दी के
मैं कवयित्री हिन्दी की हूँ मुझको प्यारी हिन्दी है।4।
भारत माँ के शीश महल की………

पूरे विश्व में भारत माँ की शान बढ़ाई हिन्दी ने
एकता और अखण्डता की भी ज्योति जलाई हिन्दी ने
उनको नमन है ‘फ़लक’ जिन्होंने ख़ूब सवारी हिन्दी है ।5।

 

डॉ जसप्रीत कौर फ़लक
( लुधियाना )

यह भी पढ़ें :-

नया साल आया | Naya Saal Aaya

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here