विश्वास होता है | Vishwas Hota hai
विश्वास होता है
( Vishwas hota hai )
छिपाता दर्द दिल का वो बहुत हस्सास होता है
मुहब्बत से भरा दिल इस जहां में ख़ास होता है।
मुहब्बत के अलावा और भी ग़म हैं सुना हमने
मगर ग़म जो मिला है इश्क में अल्मास होता है।
लिखी कितनी ग़ज़ल कितनी फ़साने और नज़्में भी
मगर ना लिख़ सके जो प्यार का एहसास होता है।
तसव्वुर रात दिन महबूब का रहता ख़यालों में
अग़र हो दीद तो लगता ख़ुदा ही पास होता है।
फ़रेबी और मक्कारी मरासिम से नहीं चलती
वही रिश्ता चला करता जहां विश्वास होता है।
भले ही दूर हों मां बाप पर उनकी मुहब्बत का
हमें हर इक क़दम हर मोड़ पर आभास होता है।
गवां दी जान उल्फ़त में मिटे जो यार की ख़ातिर
ख़िताबों से दिवानों का सजा इतिहास होता है।
सीमा पाण्डेय ‘नयन’
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )