Vivashata
Vivashata

विवशता

( Vivashata )

 

आपकी हर बात जब बुरी लगने लगे
हर काम बुरा लगने लगे
व्यवहार बुरा लगने लगे
आपका किसी से मिलना बुरा लगे तब
मान लीजिए कि वहां लोग आपको नहीं
आपके रिश्ते को ही निभा रहे हैं

किया होगा कुछ भी आपने
जब किया होगा तब किया होगा
किंतु उसके मूल्यांकन में आज
आपका वजूद कुछ भी नहीं

आपको बर्दाश्त करना उनकी मजबूरी है
समाज और पास पड़ोस के बीच
स्वयं को स्थापित रखना भी जरूरी है

आप अब आप नहीं रहे
किंतु आपको तुम ना कह पाना
विवशता है उनकी संभवत:
ऐसे में आपका हट जाना ही उचित है

और नहीं तो ,चुप रहिए
खामोश रहिए , खो चुके हैं
बोलने का अधिकार सारा और यह
आपके लिए मजबूरी भी है और पर्याय भी
आपकी विवशता भी

 

मोहन तिवारी

( मुंबई )

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