वो याद आ रहा ए यार ख़ूब है | Ghazal wo Yaad aa Raha
वो याद आ रहा ए यार ख़ूब है
( Wo Yaad Aa Raha E Yar Khoob Hai )
वो याद आ रहा ए यार ख़ूब है
जो दूर हो गया आज़म महबूब है
वो आज ग़ैर मुझको ही बना गया
दी प्यार में वफ़ायें जिसको ख़ूब है
गुल रोज़ भेजता था जो प्यार का मुझे
पत्थर दिल वो हुआ अब महबूब है
लेता नहीं वो आज़म फ़ूल प्यार का
की प्यार में रहे जिसके हम डूब है