याद रहेगा

याद रहेगा | Kavita Yaad Rahega

याद रहेगा

( Yaad Rahega )

 

गुजर जायेगा ये वक्त मगर,याद रहेगा।
कहर ढाहती वबा का असर,याद रहेगा।

आलम  ये बेबसी का, यह मौत का मंजर,
सितम गर बना है सारा शहर,याद रहेगा।

अपना है दोष या के,साहब की ग़लतियां।
संसार  को  सब  कोर कसर,याद रहेगा।

लुका-छिपी का मौत से है खेल तभी तक,
है जब तलक सांसों का सफर,याद रहेगा।

मजदूरियों पे आफ़त,खतरे में रोजी-रोटी,
हुआ किस तरह गुजर-बसर,याद रहेगा।

जमशेदपुर, झारखंड

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *