दीप जलाना होगा
दीप जलाना होगा

दीप जलाना होगा

( Deep jalana hoga )

 

बुलंद हौसला बनाना होगा
तूफान  से  टकराना  होगा
मास्क जरूरी मुंह पर रखना
जन-जन को समझाना होगा

 

वक्त के मारे लोग जगत में
मदद को हाथ बढ़ाना होगा
दुख की गाज गिरी जिन पर
ढांढस  उन्हें  बंधाना  होगा

 

मन का भेद मिटाना होगा
सेवा को आगे आना होगा
महामारी ने पलटी दुनिया
मानवता दिखलाना होगा

 

सकल जगत में हम मुसाफिर
किसका कहां ठिकाना होगा
चंद सांसों का खेल है सारा
सांसो की डोर बचाना होगा

 

गाइडलाइन का पालन करके
मानव धर्म निभाना होगा
रण योद्धाओं के मनोबल को
संबल देकर बढ़ाना होगा

 

आस्था विश्वास और प्रेम का
घट घट दीप जलाना होगा
संकट से जूझते राही को
आस का दीप जलाना होगा

?

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

आओ मिलकर प्यार लिखें | Geet

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here