ये घर की शान है!
ये घर की शान है!
चैन से जीने दो ये घर की शान है!
प्यार दो दो इज्जत बेटी पहचान है।
हक नहीं है किसी को भी जा लेने की
दी ख़ुदा ये इसको भी देखो जान है।
कोई दे या न दे क़ातिलों को स़जा
लेगा बदला उसका इक दिन भगवान है।
कब न जाने चलेगी हवा प्यार की
चल रहा हाथरस का ही तूफान है।
जान ले ली किसी एक मासूम की
कर दिया है किसी का घर वीरान है।
देखते है बुरी नजरों से ए आज़म
अब होता बेटियों का नहीं मान है।
️
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
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