ये शोखियां ये अदाएं
ये शोखियां ये अदाएं जवां रहे यूं सदा।
मदमस्त तेरी निगाहें जवां रहे यूं सदा।।
हुश्नो-जमाल देखकर जो ठिठक जातेअक्सर।
जवां दिलों की वो आंहें जवां रहें यूं सदा।।
आतुर रहे अपनी आगोश में लेने के लिए ।
वो तेरी फैली सी बांहें, जवां रहे यूं सदा।।
पहलु में जिसके ग़मों को मैं भूलना चाहता।
बेखौफ उनकी पनाहें जवां रहे यूं सदा।।
कहता जमाना के मुश्किल बहुत ही चलना यहां।
राहें “कुमार” इश्क की ये जवां रहे यूं सदा।।
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लेखक: * मुनीश कुमार “कुमार “
हिंदी लैक्चरर
रा.वरि.मा. विद्यालय, ढाठरथ