ज़िन्दगी ले हमें जिधर आई | Zindagi Shayari Life
ज़िन्दगी ले हमें जिधर आई
ज़िन्दगी ले हमें जिधर आई
एक वो ही हमें नज़र आई
इस तरफ जो अभी नज़र आई
हर कली देख अब निखर आई
उसकी हालत को देखकर यारो
आज यह आँख मेरी भर आई
जिस गली को भुला दिया कब के
फिर वहीं पे लिए डगर आई
दोनों हाथो से जब दुआ दी तो
ज़िन्दगी उसकी भी सँवर आई
मैं मुसाफ़िर हूँ ज़िन्दगी का इस
अपनी अब तक नही सहर आई
लोग पूछें है हाल जब भी तो
कह दिया फिर मंजिल नज़र आई
जिस प्रखर ने दुआएं दी सबको
आज उसकी बुरी ख़बर आई
महेन्द्र सिंह प्रखर
( बाराबंकी )