Romantic Ghazal | Love Ghazal -ज़ुल्फें उनकी काले बादल
ज़ुल्फें उनकी काले बादल
( Zulfen Unki Kaali Badal )
ज़ुल्फें उनकी काले बादल।
चाँद भी मुख के आगे सायल।।
मीन -सी चंचल उनकी आँखें।
हिरनी जैसी बजती पायल।।
अधरों की मुस्कान न पूछो।
कोमल दिल को कर दे घायल।।
फूलों से भी नाजुक लगते।
गुलशन भी हो जाए कायल।।
आते हैं मासूम नज़र वो।
‘जालिम ‘ कहने वाले पागल।।
कवि व शायर: मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)
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