2623 वां महावीर जन्म कल्याणक दिवस

2623 वां महावीर जन्म कल्याणक दिवस

2623 वां महावीर जन्म कल्याणक दिवस

 

भगवान महावीर का ध्यान धरे ।
सुप्त चेतना को जगाये ।
आत्मा की उज्जवलता को पाये ।
भगवान महावीर का ध्यान धरे ।
अब भोर भई उठ जाग जाये ।
क्यों आँख मूंदकर सोये ।
आया है यह शुभ दिन ।
क्यों वक्त कीमती हम खोये ।
भगवान महावीर का ध्यान धरे ।
यह जग झूठी दुनिया की माया है ।
और बादल की सी छाई छाया है ।
अब दूध के बदले में हम ,
पानी क्यों व्यर्थ बिलोये ।
भगवान महावीर का ध्यान धरे ।
जो उगता है वह छिप जाता है ।
खिलने वाला मुरझाता है ।
जगत का यही शाश्वत नियम ।
क्यों हाथ शीश धर रोये ।
भगवान महावीर का ध्यान धरे ।
गिर – गिर उठने वाला ही ,
पथ पर आगे बढ़ जाता है ।
अपने भावो को शुभ बना
सुमिरन ही पातक धोता हैं ।
भगवान महावीर का ध्यान धरे ।
जो जागेगा वह पाएगा ।
जो सोएगा वह खोएगा ।
बिजली के सितारों में मोती ।
रमा क्यों ? नहीं पीते है ।
भगवान महावीर का ध्यान धरे

प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)

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अनेकांतवाद | Anekantavada

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