लाभ पंचमी
( Labh Panchami )
सनातन धर्म जिसे लाभ-पंचमी के नाम से जानता,
सौभाग्य पंचमी ज्ञान पंचमी भी जिसे कहा जाता।
नयें कार्यों की शुरूआत इस दिन शुभ माना जाता,
गुजरात का सबसे लोकप्रिय जो पर्व माना जाता।।
यह पावन पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है,
इसरोज व्यवसायी नया बहीखाता तैयार करतें है।
लाल कुमकुम से जिसमें शुभ एवं लाभ लिखते है,
श्री गणेश लिखकर ध्यान कर साखिया बनातें है।।
दीवाली के पावन पर्वो का यें रोज़ है समापन दिन,
दुकान व्यवसाय नया काम शुरुकर होते हैं प्रसन्न।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार होता है मुनाफा,
विधि विधान से जो पूजन करें प्राप्त होता है धन।।
भगवान गणेश संग माता लक्ष्मी का करतें है पूजा,
कही पर मां विद्या की देवी शारदे की करतें पूजा।
इस दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर हो जाते तैयार,
सूर्य देव को जलाभिषेक कर कार्य करते है दूजा।।
भोलेशंकर मां पार्वती के संग गणपति मूर्ति बैठाते,
चंदन रोली अक्षत दूर्वा अर्पितकर दीपक जलाते।
नववर्ष की शुरूआत यें गुजराती दीवाली से करतें,
इस रोज़ मिठाई कपड़ों का आदान-प्रदान करतें।।