Dosti shayari

वफ़ा से निभाता रहा दोस्ती को | Dosti shayari

वफ़ा से निभाता रहा दोस्ती को !

( Wafa se nibhata raha dosti ko )

 

 

वफ़ा से निभाता रहा दोस्ती को !

बहुत ही उसी ने छला दोस्ती को

 

वफ़ा करते करते जफ़ा सह गये है

मगर क्या मिला है सिला दोस्ती को

 

सलामत रहे ये हमेशा वफ़ा से

दे ऐसी मगर तू दुआ दोस्ती को

 

न करना दग़ा दोस्ती में कभी भी

हमेशा देना  तू वफ़ा दोस्ती को

 

न करना निगाहें परायी कभी तू

रखना तू सदा आशना दोस्ती को

 

करना गुफ़्तगू प्यार की तू हमेशा

न देना कभी तू गिला दोस्ती को

 

दग़ा तू न देना कभी भी आज़म को

हमेशा रखना बावफ़ा दोस्ती को

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें : –

जिंदगी मेरी अकेले कट रही है | Ghazal zindagi meri akele kat rahi hai

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *