
प्लास्टिक सा हो गया तेरा दिल मेरा दिल
( Plastic sa ho gaya tera dil mera dil )
“Ecosystem Restoration”
प्लास्टिक के दौर में
प्लास्टिक सा ही हो गया
तेरा दिल
मेरा दिल
झुकेगा नहीं
टूट जायेगा
पिघलेगा तो
धूँआ हो जायेगा
न धड़कता है
न धड़कने देगा
कैसा ‘बेदिल‘ सा हो गया है
तेरा दिल मेरा दिल
क्या जज़्बात, क्या चाहतें
वो महोब्बतें वो ख्वाहिशें
नहीं जानेगा ,नहीं समझेगा
खिलौनों सा टूट जायेगा
वो और दिल थे
जो ज़िंदा हुआ करते थे
अब तो ‘पेसमेकर’ सा
लगा लगता है
प्लास्टिक सा हो गया
तेरा दिल मेरा दिल…
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )