बस रह गई तनहाई | Tanhai
बस रह गई तनहाई
( Bas reh gayi tanhai )
मिट्टी के घर
चूने की पुताई
गाय का रमहाना
गोबर से लिपाई
चूल्हे से उठता धुआं
खुशबू रोटी की आई
नीम के नीचे खटिया
अम्मा की चटाई
वो ठंडी हवा वो पुरवाई
नदिया का पानी
वह मंदिर की घंटी
छाछ की गिलसिया
गुड़ की डीगरिया
वो छूट गया वहीं
बस रह गई तनहाई
अम्मा का दुलार
हाथों से बनी मिठाई
बापू की धुनाई
बड़ी याद आई
शहर की धूल में
मै सब भूल गया
पेट की आग ने
रिश्तो से की बेवफाई