Akshru Mata par Kavita
Akshru Mata par Kavita

अछरू माता

( Akshru Mata ) 

 

पंडित देता नहीं प्रसाद
कुंड से प्रकट प्रसाद
नाम पड़ा अच्छरू माता
हर कोई यहा शीश नवाता
कभी नारियल कभी जौ
कभी मलीदा कभी फल
माता देती स्वयं प्रकट हो
दूर-दूर से आते है लोग
भरता है जहां पर मेला
नवदुर्गा की बात निराली
माता है चमत्कार वाली
खाली झोली लाते लोग
भर भर झोली पाते लोग
खुशियों की सौगात मिले
घर आंगन में फूल खिले
श्रद्धा और विश्वास बढ़े
पृथ्वीपुर के पास पड़े
अछरू माता मेरी प्यारी
बुंदेलखंड की शान हमारी

 

डॉ प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार
टीकमगढ़ ( मध्य प्रदेश )

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