Dil Chune wali Shayari

दिल में शोले उठे हैं यहां | Dil Chune wali Shayari

दिल में शोले उठे हैं यहां

( Dil mein shole uthe hai yahan ) 

 

इश्क में लुट चुके है यहां
दिल में शोले उठे हैं यहां

घेर ली है ज़मीं कांटों ने
फूल कब खिल सके हैं यहां

सब फरेबी निकलते हैं लोग
सोच से सब परे हैं यहां

दौलतें शोहरतें देखकर
लोग इज़्ज़त करे हैं यहां

बोझ ढोते हुए भीड़ का
रास्ते थक चुके हैं यहां

चंद पल में बदलते हैं सुर
लोग सब दोगले हैं यहां

काम आयेंगे मरहम नहीं
ज़ख्म इतने लगे हैं यहां

खून करते हुए अब भला
हाथ कब कांपते हैं यहां

ज़ुल्म पर बोलता कौन है
सब के सब मर चुके है यहां

सोच फैसल हुई क्यों बुरी
हम यही सोचते हैं यहां

 

शायर: शाह फ़ैसल मुजफ्फराबादी
सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)
यह भी पढ़ें :-

मंदिर मस्जिद | Poem on Mandir Masjid

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *